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Wednesday, February 6, 2013

संगम में गंगा का पानी काला पड़ा


संगम में गंगा का पानी काला पड़ा

लखनऊ फरवरी । गंगा को लेकर उत्तर प्रदेश और उतराखंड सरकार आमने सामने आ गई  है। कुम्भ में गंगा का पानी काला होता  जा रहा है जिसे लेकर आज कुम्भ में साधू संतों ने प्रदर्शन भी किया । मौनी अमावस्या से पहले अगर गंगा में पानी नहीं छोड़ा गया तो साधू संत इस पानी में स्नान नहीं करेंगे यह चेतावनी भी उन्होंने दी । इन लोगो का यह आरोप भी है कि गंगा में कानपुर में टेनरियों का पानी छोड़ना बंद नहीं किया गया है जिसके चलते कुम्भ में गंगा का प्रदूषित पानी बह रहा है  । इस मुद्दे को लेकर हिन्दू संगठन लामबंद हो रहे है । ख़ास बात यह है कि एक तरफ जहां साधू संतों का एक तबका भाजपा के साथ आकर गुजरात  के मुख्यमंत्री  नरेंद्र मोदी क उभरने में जुटा  है वही  आज कुछ संत समाजवादी रंग में नजर आए ।
 
दिल्ली  में छतरपुर स्थित शनिधाम  मंदिर के महंथ दाती  जी महाराज और इलाहाबाद  में झूसी स्थित क्रियायोग  आश्रम और रिसर्च सेंटर  के प्रमुख योगी सत्यम  का कहना है कि उत्तर  प्रदेश सरकार की कन्या  विद्याधन योजना गरीब  परिवारों की लड़कियों  के लिए एक वरदान की  तरह है। आर्थिक अभाव  में गरीब परिवारों की  लड़कियां अपनी पढ़ाई  पूरी नहीं कर पाती हैं।  कन्या विद्याधन योजना  शुरू होने के बाद गरीब  परिवारों की लाखों लड़कियों  को फायदा पहुंचा है।  इस योजना से गरीब परिवारों की लड़कियों को उच्च शिक्षा हासिल करने में काफी मदद मिल रही है। दातीजी  महाराज और योगी सत्यम  का कहना है कि गरीब  परिवारों में कन्या का  जन्म होना एक अभिशाप  माना जाता है। कन्या  विद्याधन योजना से गरीब  मां-बाप को बहुत सहारा  मिला है। गरीब माता-पिता  के मन में एक उम्मीद  जगी है कि वह इस योजना  के तहत मिलने वाली आर्थिक  मदद से अपनी बेटी को  पढ़ा-लिखाकर काबिल बना  सकेगा।
 
यह तो समाजवादी संतों की टिपण्णी थी पर दूसरे साधू संत गंगा के पानी को लेकर चिंतित है । उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर टिहरी  से गंगा का पानी नहीं छोड़ा गया तो शाही  स्नान का बहिष्कार किया जाएगा । अब इस राजनीति में उतराखंड सरकार  भी आ गई  है ।  गौरतलब है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री   आजम खॉ ने इलाहाबाद कुम्भ में दूषित गंगाजल को लेकर उतराखंड सरकार पर इसकी जिम्मेदारी डालते हुए टिहरी डैम से पानी ना छोड़े जाने को इसकी वजह बताया था  । पर आज उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने साफ़ किया कि  टिहरी डैम से काफी पानी छिड़ा जा चुका है।
उन्होंने यह भी कहा कि  टिहरी डैम से लगातार कुम्भ के लिए पानी छोड़ा जा रहा है  । इसी वजह से  हरिद्वार तक गंगा पूरी तरह शुद्व है लेकिन हरिद्वार से आगे उत्तर प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी बनती है  । बहुगुणा ने आगे कहा कि  सरकार गंगा को स्वच्छ बनाने में हर सम्भव प्रयास कर रही है। पर इलाहाबाद तक आते आते गंगा मैली हो जा रही है यह एक और तथ्य है  । इसके लिए उत्तर प्रदेश की सीमा में बहने वाली गंगा में कई उद्योगों का जहरीला कचरा भी जिम्मेदार है तो उतराखंड में भी गंगा में जगह जगह नाले गिराए जा रहे है जिसे टिहरी में भी देखा जा सकता है  । यही वजह है उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री  आजम खॉ ने गंगा के प्रदुषण कोलेकर  उत्तराखण्ड सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया  था पर कानपुर में जिस तरह गंगा में टेनरियों का कचरा फेका जा रहा है उसे वे भूल गए